Thursday 17 December 2015

लगाव.....!

आज मेरी जिन्दगी नें कहा,
"चंद फासला जरूर रखिए हर रिश्ते के दरमियान"
क्योंकि
नहीं भूलती दो चीज़ें चाहे जितना भुलाओ !
एक "घाव"और दूसरा "लगाव"...!

मुझसे रहा न गया!
मैंने कहा,

अब तो फासले ही हैं,
घाव जो लगे हैं लगाव को
रिश्ते भी दम तोड़ने लगे है,,,,,,,

लगाव अगर गहरा हो तो दिखनी भी चाहिए,
महसूस भी होनी चाहिए इसकी गर्माहट,,
वर्ना लगाव तो हमें हर चीज से है,
जो हमारी जिन्दा होने या न होने की शर्त नही।

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