Tuesday 14 July 2020

स्वप्न हरा भरा

है स्वप्न मेरा, जागा-जागा, हरा-भरा!

अर्ध-मुकम्मिल से, कुछ क्षण,
थोड़ा सा,
आशंकित, ये मन,
पल-पल,
बढ़ता,
इक, मौन उधर,
इक, कोई सहमा सा, कौन उधर?
कितनी ही शंकाएँ,
गढ़ता,
इक व्याकुल मन,
आशंकाओं से, डरा-डरा,
वो क्षण,
भावों से, भरा-भरा!

है स्वप्न मेरा, जागा-जागा, हरा-भरा!

शब्द-विरक्त, धुंधलाता क्षण,
मौन-मौन,
मुस्काता, वो मन,
भाव-विरल,
खोता,
इक, हृदय इधर,
कोई थामे बैठा, इक हृदय उधर!
गुम-सुम, चुप-चुप,
निःस्तब्ध,
निःशब्द और मुखर,
उत्कंठाओं से, भरा-भरा,
हर कण,
गुंजित है, जरा-जरा!

है स्वप्न मेरा, जागा-जागा, हरा-भरा!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
  (सर्वाधिकार सुरक्षित)

18 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 15 जुलाई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 16 जुलाई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!


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  3. बहुत सुंदर..
    शब्द शब्द झरी झरी
    संवेदनाओं से भरी भरी✍

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    1. आपकी प्रतिक्रिया पाकर मैं हर्षित हूँ। बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया पम्मी जी।

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  4. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक चर्चा मंच पर चर्चा - 3764 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी|
    धन्यवाद
    दिलबागसिंह विर्क

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  5. बहुत सुंदर सृजन आदरणीय सर .

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    1. हृदयतल से आभार आदरणीया अनीता जी।

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  6. सुन्दर रचना मान्यवर।

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    1. हृदयतल से आभार आदरणीया उर्मिला जी।

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  7. वाह!बहुत खूबसूरत सृजन पुरुषोत्तम जी ।

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  8. आदरणीय सर,
    आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा। नये स्वप्नों से भरे हुए मन का बहुत ही आशावादी और संवेदनशील वर्णन।आपके नाम ने मुझे सबसे पहले आकर्षित किया क्योंकि आपका नाम मेरे प्रभु भरी राम पर है और रचना भी उतनी ही प्यारी और प्रेरणादायक पढ़ने को मिली। एक विद्यार्थी होने के नाते मेरा इस कविता से जड़ाव अधिक है क्योंकि मैं भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का स्वप्न देख रही हूँ।
    सर, आपसे अनुरोध है कि आप मेरे भी ब्लॉग पर आयें। मैं अपनी स्वरचित कविताएं अपने ब्लॉग काव्यतरंगिनी पर डालती हूँ। अपने ब्लॉग की लिंक कॉपी नहीं कर पा रही पर यदि आप मेरे नाम पर क्लिक करें तो आपको मेरा प्रोफ़ाइल दिखाई देगा। उसपर मेरे ब्लॉग का नाम लिखा होगा। उस पर क्लिक करके आप मेरे ब्लॉग पर पहुंच जाएंगे। आपके आशीष व प्रोत्साहन के लिए अनुग्रहित रहूँगी। धन्यवाद।

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  9. "काव्यतरंगिनी" .....
    बहुत ही खूबसूरत ब्लॉग है आपना। अपने नाम को सार्थक करता हुआ। शुभाशीष और शुभकामनाएँ।

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  10. बहुत सुंदर,गहन संवेदनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति ।
    अभिनव रचना।

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    1. हृदयतल से आभार आदरणीया कुसुम जी।

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