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Thursday 18 January 2018

दिल की सरखत

दिल की सरखत पे मेरे,
तुम दस्तखत किए जाते हो.....
मेरी बातों में तुम, यूँ शामिल हुए जाते हो....

बड़ी सूनी थी ये सरखत,
हर पन्ने मे तुम नजर आते हो,
मेरी तन्हाईयो में तुम, यूँ ही चले आते हो....

हर लम्हा इन्तजार तेरा,
यूँ बेवशी तुम दिए जाते हो,
इन ख्यालों को तुम मेरे, यूँ हीं भरमाते हो....

छू गई हो जैसे ये बदन,
यूँ सर्द हवाओं मे लहराते हो,
जैसे हो कोई पवन, यूँ ही तुम बहे जाते हो....

यूँ गूंजती हैं ये फिजाएँ,
ज्युँ तुम संग ये गुनगुनाते हो,
तेरे गीतों की लय पे, यूँ ही ये झूम जाते हों....

दिल की सरखत पे मेरे,
तुम दस्तखत किए जाते हो.......
ख्वाबों में रंग कई, यूँ ही तुम भरे जाते हो....