Friday 8 May 2020

उड़ चले विहग

उड़ चले विहग, क्षितिज पे कहीं दूर!

उन्हीं, असीम सी, रिक्तताओं में,
हैं कुछ, ढ़ूंढ़ने को मजबूर,
मुट्ठी भर आसमां, कहीं गगन पे दूर,
या, अपना, कोई आकाश,
लिए, अंतहीन सा, इक तलाश!

उड़ चले विहग, क्षितिज पे कहीं दूर!

गुम हैं कहीं, पंछियों के कलरव,
कहीं दूर जैसे, उन से हैं रव,
शून्य में घुला, वो गगन का किनारा,
जैसे, संगीत ही हो बेसहारा,
लिए, कलरव में, सुर की तलाश!

उड़ चले विहग, क्षितिज पे कहीं दूर!

अपनी समझ, अपनी विवशता,
मन में दबाए, एक चिन्ता,
घिर कर, आपदाओं में, बिखरे सदा,
फिर से, न लौटने को विवश,
लिए, दुख में, इक सुख की आश!

उड़ चले विहग, क्षितिज पे कहीं दूर!

आसमाँ की, उन्हीं, गहराईयों में,
ढ़ूंढ़ने को, फिर से, चन्द्रमा,
अंधियारे क्षणों में, उजालों के क्षण,
हताशा में, आशा का आंगन,
लिए, अनबुझ सी, वो ही प्यास!

उड़ चले विहग, क्षितिज पे कहीं दूर!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
  (सर्वाधिकार सुरक्षित)

30 comments:

  1. बहुत सुंदर रचना।

    ReplyDelete
  2. आसमाँ की, उन्हीं, गहराईयों में,
    ढ़ूंढ़ने को, फिर से, चन्द्रमा,
    अंधियारे क्षणों में, उजालों के क्षण,
    हताशा में, आशा का आंगन,
    लिए, अनबुझ सी, वो ही प्यास!
    बहुत ही सुंदर ,हृदयस्पर्शी ," काश " उड़ना संभव होता ,सादर नमन आपको

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आदरणीया कामिनी जी।

      Delete
  3. मेरे नए ब्लॉग पर आपका स्वागत हैं

    https://kaminisinha.blogspot.com/

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी अवश्य। आपको नए ब्लॉग की बधाई और समस्त शुभकामनाएँ ।

      Delete
  4. आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच( सामूहिक भाव संस्कार संगम -- सबरंग क्षितिज [ पुस्तक समीक्षा ])पर 13 मई २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य"
    https://loktantrasanvad.blogspot.com/2020/05/blog-post_12.html
    https://loktantrasanvad.blogspot.in

    टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।


    आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'

    ReplyDelete
    Replies
    1. आदरणीया एकलव्य जी, सर्वप्रथम विलम्ब से अपनी प्रतिक्रिया और आपके प्रशंसनीय कार्य की सराहना व आभार व्यक्त करने हेतु क्षमाप्रार्थी हूँ ।

      गत दो माह (14.03.2020 से) मेरी पत्नी ICU में भर्ती थीं और अभी तक अपनी अस्वस्थता से पूर्णतः उभर नही पाई हैं। कोरोना की वजह से मैं इस
      विषम परिस्थिति में उनके साथ बिल्कुल अकेला हूँ। अतः साहित्यिक व अन्य गतिविधियों से भी लगभग दूर ही रहा हूँ । सोशल मीडिया से तो जैसे दूरी ही हो गई । अतः शायद मेरी अनुपस्थिति व विलम्ब से प्रतिक्रिया हेतु आप हमें अवश्य क्षमा कर देंगी, ऐसा मुझे अवश्य ही आभाष व विश्वास है।

      आदरणीया रेणु जी ने, सबरंग क्षितिज की समीक्षा करते हुए अपनी विलक्षणता व कुशाग्रता का बेहतरीन परिदृश्य प्रस्तुत किया है। मैं तो बिल्कुल ही शब्दविहीन हो रहा हूँ । एक ही साथ लेखन की विभिन्न विधाओं पर विलक्षण टिप्पणी करना तथा सभी रचनाकारों के कार्यो की निरपेक्ष व सराहनीय टिप्पणी व समीक्षा प्रस्तुत करना अवश्य ही आसान नहीं रहा होगा।

      तमाम साहित्यवर्ग उन जैसी प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का सानिध्य पाकर अवश्य ही गौरवान्वित हो रहा होगा।

      हमारा लेखन कार्य आज थोड़ा सार्थक होता नजर आया।

      व्यक्तिगत तौर पर, मैं उनके प्रयासों हेतु कृतज्ञ हूँ तथा जीवनपर्यन्त आप सभी के सानिध्य की अपेक्षा रखता हूँ ।

      पुनः आभार व धन्यवाद ।

      Delete

  5. उड़ चले विहग, क्षितिज पे कहीं दूर!

    अपनी समझ, अपनी विवशता,
    मन में दबाए, एक चिन्ता,
    घिर कर, आपदाओं में, बिखरे सदा,
    फिर से, न लौटने को विवश,
    लिए, दुख में, इक सुख की आश!
    वाह!!!!
    कमाल की रचना
    लाजवाब

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक आभार आदरणीया सुधा देवरानी जी ।

      Delete
  6. I am really happy to say it’s an interesting post to read Sandeep Maheshwari Quotes Hindi this is a really awesome and i hope in future you will share information like this with us

    ReplyDelete
  7. Amazing Article it’s an interesting post to read Thanks For Sharing Sandeep Maheshwari Quotation in Hindi

    ReplyDelete
  8. bahut khub mr. Apne bahut umda lekh likha hai. Apko is ache vichar likhne ke liye bahut bahut badhai.

    ReplyDelete
  9. This blog post is a must-read for anyone in the industry. Thanks for sharing your expertise
    Hostinger Coupons
    Myntra Coupons
    href="https://couponbunnie.com/dealstore/dominos-pizza-coupons/">Dominos Coupons
    GoDaddy Coupons

    ReplyDelete
  10. Thanks for sharing this wonderful blog. You've come to the right place to Buy 4Parts 40mm Smoke Grinder. Smoke Grinder is a tool that helps in the process of smoking your food. The Smoke Grinder is made from high quality plastics and stainless steel. For more info visit our website.

    Buy LCD Digital Kitchen Scale Spoon

    ReplyDelete
  11. liked the way you expressed your views in this post.I believe you possess excellent expertise. Thanks for sharing china table lamp wholesalers

    ReplyDelete