tag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post5987795935347696458..comments2024-03-26T20:07:52.493+05:30Comments on कविता "जीवन कलश": घेरेपुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttp://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-66499240614142401652022-05-29T20:03:57.896+05:302022-05-29T20:03:57.896+05:30बहुत बहुत धन्यवादबहुत बहुत धन्यवादपुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-71396661143821589622022-05-29T20:03:45.127+05:302022-05-29T20:03:45.127+05:30बहुत बहुत धन्यवादबहुत बहुत धन्यवादपुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-55793200037124376392022-05-29T20:03:33.013+05:302022-05-29T20:03:33.013+05:30बहुत बहुत धन्यवादबहुत बहुत धन्यवादपुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-49639649678722976502022-05-29T20:03:21.289+05:302022-05-29T20:03:21.289+05:30बहुत बहुत धन्यवादबहुत बहुत धन्यवादपुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-14329460187671234092022-05-29T20:03:03.937+05:302022-05-29T20:03:03.937+05:30बहुत बहुत धन्यवादबहुत बहुत धन्यवादपुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-58414657728421203862022-05-05T12:23:09.857+05:302022-05-05T12:23:09.857+05:30किसी के अहसासों के साथ वक़्त गुजरना सुखद है परन्तु ...किसी के अहसासों के साथ वक़्त गुजरना सुखद है परन्तु उससे भी ज्यादा सुख मिलता है खुद के साथ गुजरे लम्हों में। <br />बहुत ही सुंदर सृजन,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-69271274060844944482022-05-05T12:23:09.278+05:302022-05-05T12:23:09.278+05:30किसी के अहसासों के साथ वक़्त गुजरना सुखद है परन्तु ...किसी के अहसासों के साथ वक़्त गुजरना सुखद है परन्तु उससे भी ज्यादा सुख मिलता है खुद के साथ गुजरे लम्हों में। <br />बहुत ही सुंदर सृजन,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-24825274895446199192022-05-05T10:25:54.624+05:302022-05-05T10:25:54.624+05:30सही बात है, मन किसी को पल भर के लिए भी अकेला नहीं ...सही बात है, मन किसी को पल भर के लिए भी अकेला नहीं रहने देता तभी तो हर कोई सत्य से दूर रहता है Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-63540921420238093362022-05-05T09:52:30.098+05:302022-05-05T09:52:30.098+05:30बहुत सुंदर रचना।बहुत सुंदर रचना।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-70855856950063712392022-05-04T19:03:48.429+05:302022-05-04T19:03:48.429+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 5-5-22 को चर्चा मंच पर ...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 5-5-22 को चर्चा मंच पर <a href="https://charchamanch.blogspot.com/2022/05/4421.html" rel="nofollow"> चर्चा - 4421 </a> में दिया जाएगा | चर्चा मंच पर आपकी उपस्थिति चर्चाकारों का हौसला बढ़ाएगी <br />धन्यवाद <br />दिलबाग दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-55698547361340034252022-05-04T14:43:41.402+05:302022-05-04T14:43:41.402+05:30सच इंसान अकेला कभी होता ही नहीं है, कई विचार, भावन...सच इंसान अकेला कभी होता ही नहीं है, कई विचार, भावनाएं उसके मन में आते-जाते हैं तेजी से, फिर वह अकेला कैसे हुआ <br />बहुत अच्छी प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-70958939093401714322022-05-04T10:08:43.401+05:302022-05-04T10:08:43.401+05:30भले ही,भीड़ से खुद को बचाकर,
मींच लूं आंखें,
ये प्...भले ही,भीड़ से खुद को बचाकर,<br />मींच लूं आंखें,<br />ये प्यासी ख्वाहिशें, बस रखती हैं जगा के,<br />दिखाती हैं, अरमानों का मेला,<br />कहां होता हूं अकेला!<br />बहुत बहुत सुन्दर रचनाShakuntlahttps://www.blogger.com/profile/03789132133483681585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1797504268594212650.post-44542706271732516952022-05-04T10:02:46.762+05:302022-05-04T10:02:46.762+05:30भले ही,भीड़ से खुद को बचाकर,
मींच लूं आंखें,
ये प्...भले ही,भीड़ से खुद को बचाकर,<br />मींच लूं आंखें,<br />ये प्यासी ख्वाहिशें, बस रखती हैं जगा के,<br />दिखाती हैं, अरमानों का मेला,<br />कहां होता हूं अकेला! बहुत सुंदर<br />शकुंतलाAnonymousnoreply@blogger.com