कविता "जीवन कलश"

जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Thursday, 28 March 2019

नीर नही ये, मन के हैं मनके

›
कुछ बूँदें आँसू के, आ छलके हैं जो नैनों से, नीर नहीं ये, मन के ही हैं मनके.... कोई बदली सी, छाई होगी उस मन में, कौंधी होगी, बिजली सी ...
20 comments:
Tuesday, 26 March 2019

अश्रु, तू क्यूँ बहता?

›
हुई जो पीड़ा, कण-कण है अश्रु से भरा? शायद टूटा, मन का घड़ा, या बहती दरिया का मुँह, किसी ने मोड़ा, छलक आए ये सूखे से नयन, लबालब, ये म...
18 comments:
Sunday, 24 March 2019

प्रेम के कल्पवृक्ष

›
ऐ नैसर्गिक प्रेम के मृदुल एहसास, फैल जाओ तुम फिर इन धमनियों में रक्त की तरह, फिर लेकर आओ वही मधुमास, के देखूँ जिधर भी मैं दिशाओं में म...
12 comments:
Saturday, 23 March 2019

क्षणिक अनुराग

›
कर क्षणिक अनुराग, वो भँवरा ले उड़ा पराग.... दो छंदों का यह कैसा राग? न आरोह, न अनुतान, न आलाप, बस आँसू और विलाप..... ज्यूँ तपती धरती पर, छ...
14 comments:
Friday, 22 March 2019

ऐ जिन्दगी

›
ऐ जिन्दगी, परखुँ तुझे या बस निरखूँ मैं तुझे! सुन लूँ मैं धुन तेरी, या चुन लूँ मैं बस तुझे, हर पहलू तेरा, लिख लूँ कागजों पे, रंग हजार,...
10 comments:
Thursday, 21 March 2019

होली 2019

›
ऐसे न मैं गुनगुनाता, न रंग कोई, आँखोँ पे सजाता, गर मेरे ख्वाब, आँचल में तुम ना संजोते! ऐसा ना धा, कभी ये गगन सतरंगा, ऐसा न था, पवन र...
10 comments:
Monday, 18 March 2019

फागुन 2019

›
दूँ फागुन में डाल, मैं भी थोड़ा सा गुलाल... ये किस ने बिखेरे, फागुन के रंग, बहकी सी है फिजा, बहका है अंग-अंग, गूंज उठी है, हवाओं में ...
14 comments:
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
Berhampore (Murshidabad), West Bengal, India
मैं, एक आम व्यक्ति, बिल्कुल आप जैसा ही। बस लगाव है भावनाओं से, एक जुड़ाव है संवेदनाओं से। महसूस करता हूँ, तो कलम चल पड़ती है और जन्म लेती है, एक नई रचना। मेरी नवीनतम रचनाओं की जानकारी हेतु, आप इस ब्लॉग को फॉलो करें। इसकी सूचना आप मेरे WhatsApp / Contact No. 9507846018 के STATUS पर भी पा सकते हैं।
View my complete profile
Powered by Blogger.