कविता "जीवन कलश"

जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Tuesday, 29 August 2023

फरमाईश

›
दरिया, इक ठहरा सा मैं, चंचल हो,  उतने ही तुम! है इक, चुप सा पसरा, झंकृत हो उठता, वो सारा पल गुजरा, सन्नाटों से, अब कैसी फरमाईश, शेष कहां, को...
4 comments:
Saturday, 24 June 2023

जीत

›
मन में लिए, कई उलझन, पहली बार, विदा हो आई जब मेरे आंगन, शंकाओं भरा,  था बड़ा ही, वो तेरा मन! पर, कहीं, थी इक लगन, मध्य उलझनों के, विहँसता रह...
1 comment:
Sunday, 18 June 2023

आशाओं तक

›
दो तीर, चले मन, अधीर, अन्तः कोई पीर लिए मन! इक तीर, ठहराव भरा, विस्तृत, आशाओं का द्वार हरा, दूजे, धार बड़ा, पग-पग, इक मझधार खड़ा, आशाएं, बां...
5 comments:
Sunday, 21 May 2023

शाख

›
उम्मीदों-नाउम्मीदों के, साए तले, बह चली इक सदी.... पतझड़ों के मध्य, पाले उम्मीदें कई, चुप थी, कोई शाख, उन रास्तों पे, बह रही थी, जिधर इक सदी...
6 comments:
Tuesday, 16 May 2023

अक्सर

›
अक्सर, जग आए इक एहसास.... रुक जाए, घन कोई चलते-चलते, घिर आए, इक बदली, गरजे कोई बादल, चमके बिजुरी, उस सूने आकाश! अक्सर, जग आए इक एहसास.... झु...
1 comment:
Saturday, 6 May 2023

कौन लाया

›
जगाए हैं किसने, दिन ये ख्वाहिशों वाले! बन गई, सपनों की, कई लड़ियां, खिल उठी, सब कलियां, गा रही, सब गलियां, कौन लाया, बारिशों के ये सर्द उजाल...
4 comments:
Sunday, 30 April 2023

मूंदो तो पलकें

›
मूंदो तो पलकें, और, छू लो, उन बूंदों को, जो रह-रह छलके! हो शायद, नीर किसी की नैनों का, आ छलका हो, पीर उसी का, या गाते हों, कोई गीत, समय की ध...
3 comments:
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
Berhampore (Murshidabad), West Bengal, India
मैं, एक आम व्यक्ति, बिल्कुल आप जैसा ही। बस लगाव है भावनाओं से, एक जुड़ाव है संवेदनाओं से। महसूस करता हूँ, तो कलम चल पड़ती है और जन्म लेती है, एक नई रचना। मेरी नवीनतम रचनाओं की जानकारी हेतु, आप इस ब्लॉग को फॉलो करें। इसकी सूचना आप मेरे WhatsApp / Contact No. 9507846018 के STATUS पर भी पा सकते हैं।
View my complete profile
Powered by Blogger.