हे सूर्य-किरण,
अभिनन्दन तेरा करुँ,
प्रथम रश्मि आभा तू,
मैं क्षण-क्षण विस्मित,
अपलक तेरा रूप निहारूं,
मन चेतन प्राण वश तेरे,
क्या तुझ पर वारूँ?
अभिनन्दन तेरा करुँ,
प्रथम रश्मि आभा तू,
मैं क्षण-क्षण विस्मित,
अपलक तेरा रूप निहारूं,
मन चेतन प्राण वश तेरे,
क्या तुझ पर वारूँ?
रश्मि, चेतना, विश्वास,
नित् तुझ संग नैन धरूँ,
तज रात्रि घनघोर तम,
तेरा आलोकित पथ धरूँ,
तुम आशा तुम जीवन प्राण,
अभिन्नदन तेरा करूँ,
नित् तुझ संग नैन धरूँ,
तज रात्रि घनघोर तम,
तेरा आलोकित पथ धरूँ,
तुम आशा तुम जीवन प्राण,
अभिन्नदन तेरा करूँ,
हे सूर्य किरण,
दे निजजीवन की आहुति,
नित आरती तेरी उतारुँ ।
नित आरती तेरी उतारुँ ।
No comments:
Post a Comment