वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
चटकने लगी, मन की कली,
कुछ कहने लगी, चुप-चुप सी हर गली,
रंग राहों में, बिखरे हजार,
तन्हाईयाँ, करने लगी बातें हजार...
वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
खूबसूरत हुए, कई सिलसिले,
चला जादू कोई, हर राह वो ही मिले,
छाने लगा, कोई खुमार,
सताने लगे, वो ही सपनों में यार.....
वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
है ये सच, या है मेरा ही भरम,
यूँ सँवरते रहे, उन्हीं के ख्वाब में हम,
बसा इक, नया सा संसार,
नज्म ख्वाबों के, बिखरे हजार....
वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
( इस ब्लॉग पर मेरी 1000 वीं प्रविष्टि)
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
हलचल-पाँच लिंकों का आनंद द्वारा प्रशंसित
चटकने लगी, मन की कली,
कुछ कहने लगी, चुप-चुप सी हर गली,
रंग राहों में, बिखरे हजार,
तन्हाईयाँ, करने लगी बातें हजार...
वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
खूबसूरत हुए, कई सिलसिले,
चला जादू कोई, हर राह वो ही मिले,
छाने लगा, कोई खुमार,
सताने लगे, वो ही सपनों में यार.....
वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
है ये सच, या है मेरा ही भरम,
यूँ सँवरते रहे, उन्हीं के ख्वाब में हम,
बसा इक, नया सा संसार,
नज्म ख्वाबों के, बिखरे हजार....
वो मिल गए, ख्वाबों नें कर लिया श्रृंगार!
( इस ब्लॉग पर मेरी 1000 वीं प्रविष्टि)
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
हलचल-पाँच लिंकों का आनंद द्वारा प्रशंसित
सुंदर मनभावन रचना आदरणीय पुरुषोत्तम जी और उस पर एक अप्रितम उपलब्धि सूचक आंकड़े को छुती हुई | हार्दिक बधाई और शुभकामनायें | माँ शारदे की अनुकम्पा आप पर बनी रहे और ये आंकडा उच्चतम शिखर को छुए यही कामना है |होली की शुभकामनायें और बधाई |
ReplyDeleteआदरणीया रेणु जी, हर कदम सहयोग, मार्ग दर्शन व शुभकामनाओं हेतु सदैव आभारी हूँ । शुभेच्छु ।
Deleteआपकी लिखी रचना मंगलवार 19 मार्च 2019 के लिए साझा की गयी है
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
शुक्रिया आभार आदरणीय दी।
Deleteहजारवीं कविता हेतु शुभ कामनाएँ
ReplyDeleteसादर
शुभकामनाओं व सतत प्रोत्साहन हेतु हार्दिक आभारी हूँ । नमन।
Deleteहजारवीं पोस्ट की उपलब्धि पर शुभकामनायें...पुरुषोत्तम जी
ReplyDeleteआदरणीय संजय जी, इस अवसर पर आपका साथ पाकर उत्साहित महसूस कर रहा हूँ । सदैव सहयोग की कामना है।
Deleteअनंत अशेष शुभकामनाएँ आदरणीय p.k ji.
ReplyDeleteहज़ारवीं मंज़िल से उत्सुक झाँकती
खूबसूरत आकाश के कोर ताकती
लेखनी आपकी आतुर हो सफ़र में
चाँद सूरज के साथ नाम अपना टाँकती
खूब यशस्वी हों।
आपकी ये चंद पंक्तियों आपकी ओजस्विता की परिचायक हैं । उत्साहवर्धन हेतु आभारी हूँ आदरणीय श्वेता जी।
Deleteबधाई । सुन्दर । होली शुभ हो।
ReplyDeleteआदरणीय जोशी जी, होली के अवसर पर आपको सपरिवार शुभकामनायें भेज रहा हूँ । साभार।
Deleteबहुत लाजवाब रचना...
ReplyDeleteहजारवींं पोस्ट के लिए अनन्त शुभकामनाएं।
आदरणीय सुधा दावरानी जी, इस अवसर पर आपका साथ पाकर उत्साहित महसूस कर रहा हूँ । आपने प्रेरक शब्दों हेतु आभारी हूँ । सदैव सहयोग की कामना है।
Deleteहोली की अग्रिम शुभकामनाएं ।।।।