जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)
Showing posts with label खुश्बू. Show all posts
Showing posts with label खुश्बू. Show all posts
Thursday 2 February 2023
Saturday 13 August 2022
Tuesday 15 February 2022
Saturday 22 January 2022
Saturday 18 April 2020
Friday 23 August 2019
Monday 20 May 2019
Saturday 12 May 2018
Sunday 24 December 2017
Friday 22 December 2017
Thursday 19 January 2017
Friday 4 November 2016
Monday 25 July 2016
Saturday 28 May 2016
Sunday 22 May 2016