जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)
Showing posts with label स्वर. Show all posts
Showing posts with label स्वर. Show all posts
Sunday 30 January 2022
Sunday 7 June 2020
Saturday 18 May 2019
Tuesday 19 February 2019
Saturday 12 January 2019
Saturday 17 November 2018
Sunday 21 October 2018
Friday 18 August 2017
Wednesday 9 August 2017
Tuesday 13 September 2016
Friday 12 August 2016
Monday 8 August 2016
Thursday 19 May 2016
Thursday 28 April 2016
Sunday 24 April 2016
Wednesday 13 April 2016
Sunday 13 March 2016
Friday 12 February 2016
Sunday 17 January 2016