कविता "जीवन कलश"

जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Monday, 31 August 2020

रुक जरा

›
पल भर को, रुक जरा, ऐ मेरे मन यहाँ, चुन लूँ, जरा ये खामोशियाँ! चुप-चुप, ये गुनगुनाता है कौन? हलकी सी इक सदा, दिए जाता है कौन? बिखरा स...
20 comments:
Friday, 28 August 2020

जिन्दगी

›
कुछ बारिश ही, बरसी थी ज्यादा! भींगे थे, ऊड़ते सपनों के पर, ऊँचे से, आसमां पर! यूँ तो, हर तरफ, फैली थी विरानियाँ! वियावान डगर, सूना सफ...
10 comments:
Wednesday, 19 August 2020

सहिष्णुता

›
रुक नही सकता, सहिष्णुता के नाम पर, रक्त है तो, उबल भी सकता है ये! ओढ़ कर चादर, हमनें झेले हैं खंजर, समृद्ध संस्कृति और विरासत पर, फे...
12 comments:
Thursday, 13 August 2020

पाओगे क्या

›
सीने पर मेरे, सर रख कर पाओगे क्या? गर, जिद है तो.... इस सीने पर, तुम भी, सर रख लो, रिक्त है, सदियों से ये, पाओगे क्या? इन रिक्तियों ...
7 comments:
Tuesday, 11 August 2020

संक्षिप्त

›
संक्षिप्त हुए, विस्तृत पटल पर रंगों के मेले! संक्षिप्त हुए, समय के सरमाए, हुई सांझ, वो जब आए, बेवजह, ठहरे सितारों के काफिले, हुए संक्...
10 comments:
Sunday, 9 August 2020

विध्वंस

›
यूँ भड़क उठती है, कहीं पीड़ बड़ी! ज्यूँ, विध्वंस की है घड़ी! शून्य चेतना, गगनभेदी सी गर्जना, टूटती शिला-खंड सी, अन्तहीन वेदना, चुप-च...
10 comments:
Sunday, 2 August 2020

एक धारा

›
दो बूँद बनकर, आँखों में उतरे, मन की, सँकरी गली से, वो जब भी गुजरे! वो, भिगोते थे, कभी बारिशों में, लरजते थे, कभी सुर्ख फूलों पे हँस क...
15 comments:
‹
›
Home
View web version

About Me

My photo
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
Berhampore (Murshidabad), West Bengal, India
मैं, एक आम व्यक्ति, बिल्कुल आप जैसा ही। बस लगाव है भावनाओं से, एक जुड़ाव है संवेदनाओं से। महसूस करता हूँ, तो कलम चल पड़ती है और जन्म लेती है, एक नई रचना। मेरी नवीनतम रचनाओं की जानकारी हेतु, आप इस ब्लॉग को फॉलो करें। इसकी सूचना आप मेरे WhatsApp / Contact No. 9507846018 के STATUS पर भी पा सकते हैं।
View my complete profile
Powered by Blogger.