जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)
Showing posts with label ख्वाब. Show all posts
Showing posts with label ख्वाब. Show all posts
Sunday 2 June 2019
Saturday 25 May 2019
Thursday 9 May 2019
Friday 19 April 2019
Sunday 17 March 2019
Saturday 2 March 2019
Tuesday 12 February 2019
Wednesday 14 November 2018
Thursday 25 October 2018
Thursday 2 August 2018
Sunday 17 June 2018
Sunday 27 May 2018
Tuesday 15 May 2018
Saturday 12 May 2018
Sunday 1 April 2018
Sunday 7 January 2018
Tuesday 26 December 2017
Wednesday 20 December 2017
Tuesday 13 June 2017