जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)
Showing posts with label छल. Show all posts
Showing posts with label छल. Show all posts
Friday, 24 February 2023
Saturday, 2 April 2022
Tuesday, 29 June 2021
Sunday, 15 November 2020
Monday, 7 September 2020
Thursday, 13 August 2020
Friday, 26 June 2020
Saturday, 25 April 2020
Friday, 24 April 2020
Friday, 27 March 2020
Wednesday, 9 October 2019
Sunday, 8 September 2019
Friday, 7 June 2019
Tuesday, 20 November 2018
Sunday, 8 May 2016