जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)
Showing posts with label बसंत. Show all posts
Showing posts with label बसंत. Show all posts
Tuesday 20 September 2022
Wednesday 15 June 2022
Thursday 29 October 2020
Sunday 29 March 2020
Monday 3 February 2020
Sunday 2 February 2020
Thursday 14 November 2019
Wednesday 13 November 2019
Thursday 11 April 2019
Saturday 17 November 2018
Wednesday 13 June 2018
Thursday 15 February 2018
Monday 29 January 2018
Sunday 26 November 2017
Sunday 19 November 2017
Saturday 18 November 2017
Friday 3 February 2017