जीवन के अनुभवों पर, मेरे मन के उद्घोषित शब्दों की अभिव्यक्ति है - कविता "जीवन कलश"। यूं, जीवन की राहों में, हर पल छूटता जाता है, इक-इक लम्हा। वो फिर न मिलते हैं, कहीं दोबारा ! कभी वो ही, अपना बनाकर, विस्मित कर जाते हैं! चुनता रहता हूँ मैं, उन लम्हों को और संजो रखता हूँ यहाँ! वही लम्हा, फिर कभी सुकून संग जीने को मन करता है, तो ये, अलग ही रंग भर देती हैं, जीवन में। "वैसे, हाथों से बिखरे पल, वापस कब आते हैं! " आइए, महसूस कीजिए, आपकी ही जीवन से जुड़े, कुछ गुजरे हुए पहलुओं को। (सर्वाधिकार सुरक्षित)
Showing posts with label श्रृंगार. Show all posts
Showing posts with label श्रृंगार. Show all posts
Monday, 20 February 2023
Sunday, 25 September 2022
Sunday, 12 December 2021
Sunday, 22 March 2020
Wednesday, 11 March 2020
Sunday, 16 February 2020
Sunday, 19 January 2020
Wednesday, 4 September 2019
Saturday, 22 June 2019
Sunday, 26 May 2019
Thursday, 9 May 2019
Friday, 18 January 2019
Friday, 21 September 2018
Monday, 13 August 2018
Thursday, 2 August 2018
Monday, 29 January 2018
Wednesday, 31 August 2016
Wednesday, 13 April 2016