ये मन पंछी, उन्हें ही याद करे,
इस गगन से,
उन्हें, कैसे आजाद करे!
झूले कैसे, गगन का ये झूला,
भरे, पेंग कैसे,
पड़ा, तन्हा अकेला,
तन्हाईयाँ, वो आबाद करे!
ये मन पंछी, उन्हें ही याद करे!
बरबस, खींच लाए, वो साए,
देखे, भरमाए,
करे, कोरी कल्पना,
भरे रंग, वो मन शाद करे!
ये मन पंछी, उन्हें ही याद करे!
भटके ना, कहीं डाली-डाली,
भूले ना, राह,
चाहतों का, गाँव,
वियावानों में, आबाद करे!
ये मन पंछी, उन्हें ही याद करे!
रंग सारे, यूँ बिखरे गगन पर,
रंगी, ये नजारे,
भाए ना, रंग कोई,
ना ही, दूजा फरियाद करे!
ये मन पंछी, उन्हें ही याद करे,
इस गगन से,
उन्हें, कैसे आजाद करे!
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