सदियाँ बीत गई, प्रीत वो रीत गई...........
बैरन ये प्रीत हुई,
डोली प्रीत की, बस यादों में ही सजे,
तुझको वो भूल चुके,
तू किसको याद करे, किसकी राह तके?
बैरन हुई ये पवन,
मुई, गुजरती है अब क्यूँ छूकर ये बदन,
न वो पुरवाई चले,
तू क्युँ उसको याद करे, किसकी राह तके?
बदल गए मौसम,
बदली वो घटा, बूंदें बारिश की ये छले,
बैरन ये प्रीत हुई,
डोली प्रीत की, बस यादों में ही सजे,
तुझको वो भूल चुके,
तू किसको याद करे, किसकी राह तके?
बैरन हुई ये पवन,
मुई, गुजरती है अब क्यूँ छूकर ये बदन,
न वो पुरवाई चले,
तू क्युँ उसको याद करे, किसकी राह तके?
बदल गए मौसम,
बदली वो घटा, बूंदें बारिश की ये छले,
धूप सी ये छाँव लगे,
तू क्युँ उनको याद करे, किसकी राह तके?
शहर अंजान हुए,
अपना ना कोई, बेगाना सा हर मोड़ लगे,
गलियाँ ये विरान हुए,
तू तन्हा किसे याद करे, किसकी राह तके?
न आएंगे अब वे,
तुझसे नजरें भी न, मिला पाएंगे अब वे,
नैनों से क्युँ आब झरे,
तू रो-रो किसे याद करे, किसकी राह तके?
सदियाँ बीत गई,प्रीत वो रीत गई...........
तू क्युँ उनको याद करे, किसकी राह तके?
शहर अंजान हुए,
अपना ना कोई, बेगाना सा हर मोड़ लगे,
गलियाँ ये विरान हुए,
तू तन्हा किसे याद करे, किसकी राह तके?
न आएंगे अब वे,
तुझसे नजरें भी न, मिला पाएंगे अब वे,
नैनों से क्युँ आब झरे,
तू रो-रो किसे याद करे, किसकी राह तके?
सदियाँ बीत गई,प्रीत वो रीत गई...........