Monday 2 September 2019

ख्वाब

अनदेखे ख्वाब कैसे, दिखाए हैं ख्याल ने!

है वो चेहरा या है शबनम!
हुए बेख्याल, बस यही सोचकर हम!
हाँ, वो कोई रंग बेमिसाल है!
यूं ही हमने रंग डाले,
हाँ, जिन्दगी सवाल में!

कई ख्याल आ रहे हैं, उन्हीं के ख्याल में!

वो रंग है या नूर है,
जो चढ़ता ही जाए, ये वो सुरूर है,
हाँ, वो कुछ तो जरूर है!
यूं ही हमने देख डाले,
हाँ, कई रंग ख्वाब में!

अनोखे हैं रंग कितने, उन्हीं के ख्याल में!

ये कैसे मैं भूल जाऊँ?
है बस ख्वाब वो, ये कैसे मान जाऊँ?
हाँ, कहीं वो मुझसे दूर है!
यूं ही उसने भेज डाले,
हाँ, कई खत ख्वाब में!

रंगीन हो चुके हैं खत, उन्हीं के ख्याल मे!

हाँ, वो नजरों में गए हैं उतर!
इन ख्यालों में, कहीं कर रहे हैं बसर!
वो रूप है या बस ख्याल है!
यूं ही हम सँवार डाले,
हाँ, कई ख्वाब ख्याल में!

कई ख्वाब देख डाले, हम यूं ही ख्याल में!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा

14 comments:

  1. बहुत ही खूबसूरत रचना है अपने दिल के हाल जैसी !

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    1. प्रेरक शब्दों हेतु साधुवाद आदरणीया संजय जी। स्वागत है आपका पटल पर।

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 02 सितंबर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सदैव प्रेरक शब्दों से मार्गदर्शन हेतु साधुवाद आदरणीया अनुराधा जी।

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  4. हाँ, वो नजरों में गए हैं उतर!
    इन ख्यालों में, कहीं कर रहे हैं बसर!
    वो रूप है या बस ख्याल है!
    यूं ही हम सँवार डाले,
    हाँ, कई ख्वाब ख्याल में!
    वाह!!!!
    ख्वाबों को ख्यालों में ही संवार लें
    बहुत ही लाजवाब...।

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    1. सदैव प्रेरक शब्दों से मार्गदर्शन हेतु साधुवाद आदरणीया सुधा देवरानी जी।

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  5. सुन्दर प्रस्तुति

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    1. शुभकामनाओं व प्रेरक शब्दों हेतु धन्यवाद ।

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  6. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (04-09-2019) को "दो घूँट हाला" (चर्चा अंक- 3448) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  7. कोई तो खुशनुमा ख्याल है हरदम जेहन में जो अपना होने का अहसास कराता है हरदम
    बहुत सुन्दर रचना

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    1. शुभकामना व प्रेरक शब्दों हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया कविता जी। स्वागत है पटल पर आपका।

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