Showing posts with label उत्तर. Show all posts
Showing posts with label उत्तर. Show all posts

Thursday 18 August 2022

परिचय


क्षय होते, इस काया से, परिचय क्या करना!

गल जाना है इक दिन, मिल जाना है माटी में,
फिर, पहने फिरते हो क्यूं,माया का गहना!

क्षय होते, इस काया से, परिचय क्या करना!

अन्त:स्थित इक चित्त, रहा सर्वथा अपरिचित,
पहले, इक डोर परिचय के, उनसे बांधना!

क्षय होते, इस काया से, परिचय क्या करना!

पूजे जाते वो शील, जिनमें अनुशीलन रब का,
राह पड़े उन शीलों को, कौन बनाए गहना!

क्षय होते, इस काया से, परिचय क्या करना!

मिल लेना, उस से, जो मिलता हो मुश्किल से,
छिछले से सागर तट पर, मोती क्या चुनना!

क्षय होते, इस काया से, परिचय क्या करना!

ढूंढो तो इस कण-कण मिल जाएं, शायद राम,
पर आवश्यक, विश्वास, लगन और साधना!

क्षय होते, इस काया से, परिचय क्या करना!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
  (सर्वाधिकार सुरक्षित)