मंगलमय हो नया सवेरा,
उतरे किरण स्वर्ग की भू पर,
सपनों का उजियारा लेकर,
पुलक उठे जन-जन का अन्तर,
यह नववर्ष तुम्हारे जीवन को,
खुशियों से पूरित कर दे,
गुरुजन का आशीष कवच बन,
प्रतिक्षण तेरी रक्षा कर दे,
परमपिता परमेश्वर से यही विनती,
तेरी प्रगति के पथ को विस्तृत कर दे,
मंगलमय हो नया सवेरा।
(यह मेरी माँ, श्रीमति सुलोचना वर्मा, के द्वारा अपनी आवाज में भेजी गई आशीर्वचन का रुपान्तरण है)
माता जी विदुषी तथा हिन्दी की अध्यापिका थी और अब 70 वर्ष से अधिक की हैं। मेरी शिक्षा उन्हीं के सानिध्य में हुई।
उतरे किरण स्वर्ग की भू पर,
सपनों का उजियारा लेकर,
पुलक उठे जन-जन का अन्तर,
यह नववर्ष तुम्हारे जीवन को,
खुशियों से पूरित कर दे,
गुरुजन का आशीष कवच बन,
प्रतिक्षण तेरी रक्षा कर दे,
परमपिता परमेश्वर से यही विनती,
तेरी प्रगति के पथ को विस्तृत कर दे,
मंगलमय हो नया सवेरा।
(यह मेरी माँ, श्रीमति सुलोचना वर्मा, के द्वारा अपनी आवाज में भेजी गई आशीर्वचन का रुपान्तरण है)
माता जी विदुषी तथा हिन्दी की अध्यापिका थी और अब 70 वर्ष से अधिक की हैं। मेरी शिक्षा उन्हीं के सानिध्य में हुई।