Showing posts with label वीरगति. Show all posts
Showing posts with label वीरगति. Show all posts

Friday, 15 February 2019

पुलवामा (14.02.2019)

पुलवामा की आज 14.02.2019 की, आतंकवादी घटना और नौजवानों / सैनिकों की वीरगति से मन आहत है....

प्रश्न ये, देश की स्वाभिमान पर,
प्रश्न ये, अपने गणतंत्र की शान पर,
जन-जन की, अभिमान पर,
प्रश्न है ये,अपने भारत की सम्मान पर।

ये वीरगति नहीं, दुर्गति है यह,
धैर्य के सीमा की, परिणति है यह,
इक भूल का, परिणाम यह,
नर्म-नीतियों का, शायद अंजाम यह!

इक ज्वाला, भड़की हैं मन में,
ज्यूँ तड़ित कहीं, कड़की है घन में,
सूख चुके हैं, आँखों के आँसू,
क्रोध भरा अब, भारत के जन-जन में!

ज्वाला, प्रतिशोध की भड़की,
ज्वालामुखी सी, धू-धू कर धधकी,
उबल रहा, क्रोध से तन-मन,
कुछ बूँदें आँखों से, लहू की है टपकी।

उबाल दे रहा, लहू नस-नस में,
मेरा अन्तर्मन, आज नहीं है वश में,
उस दुश्मन के, लहू पी आऊँ,
चैन मिले जब, वो दफ़न हो मरघट में।

दामन के ये दाग, छूटेंगे कैसे,
ऐसे मूक-बधिर, रह जाएँ हम कैसे,
छेड़ेंगे अब गगणभेदी हुंकार,
प्रतिकार बिना, त्राण पाएंगे हम कैसे!

ये आह्वान है, पुकार है, देश के गौरव और सम्मान हेतु एक निर्णायक जंग छेड़ने की, ताकि देश के दुश्मनों को दोबारा भारत की तरफ आँख उठाकर देखने की हिम्मत तक न हो। जय हिन्द ।

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा