Thursday, 18 December 2025

दुश्वार ये क्षण मुक्कू

दुश्वार बड़ा ये क्षण! मुक्कू, तुम यूं आए, 
यूं गए...

वक्त, ज्यूँ गया है थम,
संग जो बीते, यूं तो, वो वक्त थे कम, 
तेरे अकस्मात, जाने का ग़म,
गुजरा हो जैसे, क्षण में इक जीवन,
भ्राता मेरे, तुम यूं आए, 
यूं गए...

दुश्वार बड़ा ये क्षण! मुक्कू, तुम यूं आए, 
यूं गए...

यूं, क्षणिक ये दुनियां,
सुना था, क्षण में गिरती हैं बिजलियां,
क्षण में, उजड़ती हैं बस्तियां, 
यूं संग, अब मेरे ही, खेल गई क्षण,
भ्राता मेरे, तुम यूं आए, 
यूं गए...

दुश्वार बड़ा ये क्षण! मुक्कू, तुम यूं आए, 
यूं गए...

विछोह, यही असह्य,
यूं बिखर गई, अपनी जगह से हर शै,
मुक्कू, तुम क्यूं बिछड़ गए,
क्यूं पड़ गए, कम जिंदगी के क्षण,
भ्राता मेरे, तुम यूं आए, 
यूं गए...

दुश्वार बड़ा ये क्षण! मुक्कू, तुम यूं आए, 
यूं गए...

स्नेह भरा, मुख तेरा,
याद बहुत आयेगा, स्नेहिल सा चेहरा,
संग तुम्हारे, जो पल गुजरा,
छोड़ गए पीछे, कुछ यादों के क्षण,
भ्राता मेरे, तुम यूं आए, 
यूं गए...

दुश्वार बड़ा ये क्षण! मुक्कू, तुम यूं आए, 
यूं गए...

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