Wednesday, 31 December 2025

अलविदा 2025

अलविदा 2025,
इतिहास, बन जाओगे, कल तुम भी, 
सिमट जाओगे, उन पन्नों में,
फिर, समीक्षाओं में ही, नजर आओगे!

कितने ही सपनों के, संग जिए तुम,
असंख्य नैनों में, दिखे तुम,
कभी चूमे, सफलताओं के शिखर,
कभी, विफलताओं से गुजरे,
कभी, सुखद एहसासों के आंगन,
कभी, दुखद पलों ने सींचे दामन,
देकर, ऐसे कितने ही क्षण,
आज, गुज़र जाओगे,
सिमट जाओगे, उन नैनों में,
अंकित, उन तस्वीरों में उभर आओगे!

अलविदा 2025,
इतिहास, बन जाओगे, कल तुम भी....

अंत, अवश्यंभावी, हर पल प्रभावी,
क्षण वही, आज पुनः हावी,
इस मानस में, अंकित हो जाओगे,
पुनः, यादों में, उभर आओगे,
शुक्रिया, पल जितने भी दिए तूने,
कल जितने भी, संग जिए हमने,
वो हर क्षण, स्वीकार हमें,
हर पल अंगीकार,
आत्मसात रहोगे, मानस में,
शायद, विवेचनाओं में, उभर आओगे!

अलविदा 2025,
इतिहास, बन जाओगे, कल तुम भी,
सिमट जाओगे, उन पन्नों में,
फिर, समीक्षाओं में ही, नजर आओगे!

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