Tuesday 15 September 2020

असहज

तनिक सहज, होने लगा हूँ मै अभी,
पर बादलों सा, उतर आओगे,
असहज, इस मन को कर जाओगे!

संचित हो आज भी, असंख्य लम्हों में तुम,
पर हूँ आज वंचित, सानिध्य से मैं!
बारिशों में, जब जलज सा उभर आओगे!
असहज, इस मन को कर जाओगे!

तुम्हें इख्तियार था, जाओ या ठहर जाओ,
इख्तियार से अपने, वंचित रहा मैं,
एकल अधिकार, हर बार तुम दिखाओगे!
असहज, इस मन को कर जाओगे!

पल सारे इन्तजार के, अब हो चले है सूने,
सहज एहसास, चुनने लगा हूँ मैं,
कोई राग बन कर, सीने में उतर आओगे!
असहज, इस मन को कर जाओगे!

तनिक सहज, होने लगा हूँ मै अभी,
धुँध बन कर, बिखर जाओगे,
असहज, इस मन को कर जाओगे!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
  (सर्वाधिकार सुरक्षित)

12 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज मंगलवार 15 सितंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (16-09-2020) को  "मेम बन  गयी  देशी  सीता"    (चर्चा अंक 3826)        पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --  
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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  3. पल सारे इन्तजार के, अब हो चले है सूने,
    सहज एहसास, चुनने लगा हूँ मैं,
    ..."

    ये मेरा सत्य हैं।
    बढ़िया लिखा है आपने।

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  4. आपकी प्रतिक्रिया हेतु आभारी हूँ। सूना सा वक्त है तो क्या, गुजर ही जाएगा। बस खुद को चुन लीजिए बिखरिए मत। शुभकामनाएं आपको।

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  5. आदरणीय पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी, आपने अपनी रचना में असहजता में सहज होने के आग्रह को जिसतरह अभिव्यक्त किया है, वह बहुत कम देखने को मिलता है। आपकी ये पांक्तियाँ:
    तनिक सहज, होने लगा हूँ मै अभी,
    धुँध बन कर, बिखर जाओगे,
    असहज, इस मन को कर जाओगे!
    वाह क्या बात है! साधुवाद!
    मैंने आपका ब्लॉग अपने रीडिंग लिस्ट में डाल दिया है। कृपया मेरे ब्लॉग "marmagyanet.blogspot.com" अवश्य विजिट करें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराएं।
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    सादर!--ब्रजेन्द्रनाथ

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    1. आदरणीय, आपकी प्रेरक प्रतिक्रिया पाकर प्रसन्नता हुई। सदैव मार्गदर्शन की अपेक्षा बनी रहेगी।

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  6. मैं बस इस पृष्ठ पर ठोकर खाई और कहना है - वाह। साइट वास्तव में अच्छी है और अद्यतित है।

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    1. आदरणीया, आपकी प्रतिक्रिया प्रेरक व उत्साहवर्धक है । आपसे सदैव मार्गदर्शन की अपेक्षा बनी रहेगी। आभार।

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