Monday 18 March 2019

फागुन 2019

दूँ फागुन में डाल, मैं भी थोड़ा सा गुलाल...

ये किस ने बिखेरे, फागुन के रंग,
बहकी सी है फिजा, बहका है अंग-अंग,
गूंज उठी है, हवाओं में तरंग,
मन में क्यूँ रहे, कोई भी मलाल,
दूँ फागुन में डाल, मैं भी थोड़ा सा गुलाल...

खामोश क्यूँ बहे, आज ये पवन,
क्यूँ बेजार सा रहे, तन्हाई में कोई मन,
बेरंग क्यूँ रहे, आज ये गगन,
रह जाए ना कहीं, कोई भी मलाल,
दूँ फागुन में डाल, मैं भी थोड़ा सा गुलाल...

सिमट जाए ना, जिन्दगी के पल,
रंग ले जरा, आ जिन्दगी के साथ चल,
गीत कोई गा, तू जरा मचल,
बच जाए ना, अब कोई भी मलाल,
दूँ फागुन में डाल, मैं भी थोड़ा सा गुलाल...

या टेसूओं के फूल से, रंग मांग लूँ,
या गुलमोहर की डाल से, रंग उधार लूँ,
या पलाश के रंग उतार लूँ,
रंग का रहे, ना कोई भी मलाल,
दूँ फागुन में डाल, मैं भी थोड़ा सा गुलाल...

होली 2019 की शुभकामनाओं सहित
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा

14 comments:

  1. वाह !!! बहुत खूब ,सादर नमस्कार

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    1. होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित आभार आदरणीय कामिनी जी।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-03-2019) को "मन के मृदु उद्गार" (चर्चा अंक-3279) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित आभार आदरणीय मयंक जी।

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  3. खामोश क्यूँ बहे, आज ये पवन,
    क्यूँ बेजार सा रहे, तन्हाई में कोई मन,
    बेरंग क्यूँ रहे, आज ये गगन,
    रह जाए ना कहीं, कोई भी मलाल,
    दूँ फागुन में डाल, मैं भी थोड़ा सा गुलाल...
    बहुत ही सुन्दर रचना आदरणीय
    आपको भी होली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

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    1. सतत प्रेरित करने हेतु धन्यवाद ।
      आपको सपरिवार होली की अग्रिम शुभकामनाएं आदरणीय अभिलाषा जी।

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    1. सतत प्रेरित करने हेतु धन्यवाद । आपको सपरिवार होली की अग्रिम शुभकामनाएं आदरणीय अनीता जी।

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  5. रंगों से सराबोर करती बहुत सुन्दर रचना...

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    1. सुस्वागतम्। होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित आभार आदरणीय कैलाश जी।

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  6. रंग रंग में छलके उमंग
    बाजे ढोलक डफ और चंग

    रंग भरी राम राम !

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    1. बेहतरीन पंक्तियाँ ।।।।
      स्वागत है आपका। होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित आभार आदरणीय नुपुरम जी।

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  7. फागुन में गुलाल का मज़ा कुछ और ही है ...
    प्रेम, चंचलता के साथ शरात का खेल ... उमंगों का खेल है होली ...
    शब्दों से रंगों की बौछार है ये रचना ...

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    1. होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित आभार आदरणीय नसवा जी।

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