Monday 18 December 2023

बिटिया के नाम

ओ बिटिया, हम दूर तो होंगे....

नव-रिश्तों के, इक ताने-बाने में,
बांध चुकी, जन्मों का तुम गठबंधन,
घिरकर, मन के फेरों में,
कर चुकी, नव जीवन का आलिंगन,
बांधे, पांवों में पायल,
वो खुशियों के पल, कम न होंगे..

ओ बिटिया, हम दूर तो होंगे....

खेली तुम जिसमें, सूनी वो गोद,
सूना ये आंगन, तेरी राह निहारे रोज,
लड़कपन की, तेरी यादें, 
मीठी वो तेरी बातें, कैसे लाऊं खोज,
खनक तेरी बातों के,
सूने इस आंगन में, कम न होंगे...

ओ बिटिया, हम दूर तो होंगे....

अब उस घर से बंधे, भाग्य तेरे,
मर्यादा उस कुल की, अब हाथ तेरे,
नश्वर सी, इक ही पूंजी,
संस्कारों की, पग-पग होंगे संग तेरे,
विलुप्त होते, पल में,
जीवन के कल में, हम न होंगे....

ओ बिटिया, हम दूर तो होंगे....

पापा की, नन्हीं सी बिटिया तुम,
इस बगिया की, प्यारी चिड़िया तुम,
कंपित हो, इन प्राणों में,
आलोकित हो, इन दो नैनों में तुम,
सांसों मेें, हो आबद्ध,
एहसासों मे, पास सदा तुम होगे...

ओ बिटिया, हम दूर तो होंगे....

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)

7 comments:

  1. मन को छूती एक एक पंक्ति आंखों से अश्रु धारा को रोक न पाई । एक पिता की बेबसी और खुशी दोनो ही बयां करती हैं आपकी कविता की लाइनें ....बिटिया को बहुत बहुत शुभकामनाएं नवजीवन की असीम बधाइयाँ ईश्वर हर खुशी उसकी झोली में भर दे🙏🙏

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  2. Bhaiya aapki kavita Dil ko chhu jati hai or aap janmanash ki bhawano ko Piro kar apne Kavita likhte hai.

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    1. बहुत खुब पी के, तुम एक अक्सर अपनी मन की बात कविता, गीत या गाने से बयक्त करते हो। एक पिता की भावना हर एक पंक्ति और शब्दों में है। मेरी खाहिष् है तुम इसे लय बद्ध कर दो।

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  3. हार्दिक बधाई और अशेष शुभकामनाएं🌹🌹🌹

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