Showing posts with label प्रमाण. Show all posts
Showing posts with label प्रमाण. Show all posts

Saturday 13 March 2021

शिवर्धांगिणी

हे सती, शिवर्धांगिनी तुम ही हर युग,
खोना था तुझको, उस युग,
ताकि, मर्यादा का भान रहे, सम्मान रहे,
शक्ति हो तुम, यह प्रमाण रहे!

शक्तिरूपा, शक्ति-पीठ जा बैठे तुम,
त्याग चले, शिव को तुम,
विधि का लेखा, स्व-भस्माहूत हो चले,
शक्ति में, तुम आहूत हो चले!

निज मन-मर्जी, कनखल ना जाते,
अपमान भरा घूँट ना पाते,
असह्य वियोग, असह्य करुण विलाप,
प्रलयंकारी, यह प्रलायालाप!

पी बिन पराया, वो बचपन का घर,
सच है शिव, शेष आडंबर,
आओ आ जाओ, मन के मानसरोवर,
जन्म-जन्म, ये शिव तेरा वर!

रूप बदल, सती बन आई पार्वती,
थी युग की ही, ये नियति,
ना शिव अंजाने थे, ना ही थी पार्वती,
सद्-परिणति, महा शिवरात्रि!

सुखद मिलन, शिव करते स्वागत,
जय जंगदंबिका अभ्यागत,
शुभ मुहूर्त, शुभ लग्न, शुभ ये वेला,
तू प्रथम पग, कैलाश पर ला!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)
...........................................................
आदरणीया कवयित्री शकुन्तला जी के अनुरोध पर तथा महा-शिवरात्रि के अवसर पर प्रेषित उक्त चित्र पर आधारित रचना.........
⚘⚘⚘आभार समर्पण सहित⚘⚘⚘