जीवन दरिया है, पल ही जरिया है,
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
दुर्गम ये तेरे पथ, निर्बाध है पल,
रोड़े-काँटे, दुख जो किस्मत नें बांटे,
आएंगे-जाएंगे, इस पथ में,
राहें होगी टेढ़ी, आहें भी संग होगी तेरी,
ले बह जाएगा ये पल!
जीवन दरिया है, पल ही जरिया है,
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
यूं आकाश न तक, तू ना थक,
कोई आवेग ले, कदमों में वेग भर,
तू नाप धरा, रुक न जरा,
कर प्रशस्त दिशा, यहाँ तू छोड़ निशां,
तुझे, याद रखेगा कल!
जीवन दरिया है, पल ही जरिया है,
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
कोमल से पल, लाएंगे ये कल,
ये छाल पाँवों के, गले के होंगे माल,
घट जाएंगे, पीड़ा के ज्वर,
करेंगे शंखनाद, निष्प्राण हुए हर नाद,
आ, लहरों सा मचल!
जीवन दरिया है, पल ही जरिया है,
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
दुर्गम ये तेरे पथ, निर्बाध है पल,
रोड़े-काँटे, दुख जो किस्मत नें बांटे,
आएंगे-जाएंगे, इस पथ में,
राहें होगी टेढ़ी, आहें भी संग होगी तेरी,
ले बह जाएगा ये पल!
जीवन दरिया है, पल ही जरिया है,
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
यूं आकाश न तक, तू ना थक,
कोई आवेग ले, कदमों में वेग भर,
तू नाप धरा, रुक न जरा,
कर प्रशस्त दिशा, यहाँ तू छोड़ निशां,
तुझे, याद रखेगा कल!
जीवन दरिया है, पल ही जरिया है,
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
कोमल से पल, लाएंगे ये कल,
ये छाल पाँवों के, गले के होंगे माल,
घट जाएंगे, पीड़ा के ज्वर,
करेंगे शंखनाद, निष्प्राण हुए हर नाद,
आ, लहरों सा मचल!
जीवन दरिया है, पल ही जरिया है,
चल, हर-पल बहते,
कल-कल करते पल में चल!
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा