शब्द वो!
अन्तिम थे तेरे....
कोई हर्फ, नहीं,
गूंजती हुई, इक लम्बी सी चुप्पी,
कँपकपाते से अधर,
रूँधे हुए स्वर,
गहराता, इक सूनापन,
सांझ मद्धम,
डूबता सूरज,
दूर होती, परछाईं,
लौटते पंछी,
खुद को, खोता हुआ मैं,
नम सी, हुई पलकें,
फिर न, चलके,
कभी थी, वो सांझ आई,
वो हर्फ,
खोए थे, मेरे!
शब्द वो!
अन्तिम थे तेरे....
वही, संदर्भ,
शब्दविहीन, अन्तहीन वो संवाद,
सहमा सा, वो क्षण,
मन का रिसाव,
टीसता, वही इक घाव,
घुटती चीखें,
कैद स्वर,
न, मिल पाने का डर,
उठता सा धुआँ,
धुँध में, कहीं खोते तुम,
कहीं मुझमें होकर,
गुजरे थे, तुम,
हर घड़ी, गूँजते हैं अब,
वो हर्फ,
जेहन में, मेरे!
शब्द वो!
अन्तिम थे तेरे....
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
(सर्वाधिकार सुरक्षित)