पदचिन्ह हैं ये किसके....
क्या गाती विहाग, नींद से जागी प्रभात?
या क्षितिज पे प्रेम का, छलक उठा अनुराग?
या प्रीत अनूठा, लिख रहा प्रभात!
क्या गाती विहाग, नींद से जागी प्रभात?
या क्षितिज पे प्रेम का, छलक उठा अनुराग?
या प्रीत अनूठा, लिख रहा प्रभात!
पदचिन्ह हैं ये किसके....
ये निशान किस के, अंकित हैं लहर पे!
क्या आई है प्रभा-किरण, करती नृत्य-कलाएँ?
या आया है कोई, रंगों में छुपके?
ये निशान किस के, अंकित हैं लहर पे!
क्या आई है प्रभा-किरण, करती नृत्य-कलाएँ?
या आया है कोई, रंगों में छुपके?
स्थिर-चित्त सागर, विचलित हो रहा क्यूँ?
हर क्षण बदल रही, क्यूँ ये अपनी भंगिमाएं?
हलचल सी मची, क्यूँ निष्प्राणों में?
पदचिन्ह हैं ये किसके....
चुपके से वो कौन, आया है क्षितिज पे?
या किसी अज्ञात के, स्वागत की है ये तैयारी!
क्यूँ आ छलके है, रंग कई सतरंगे?
पदचिन्ह हैं ये किसके....
टूट चली है मेरी, धैर्य की सब सीमाएँ!
दिग्भ्रमित हूँ अब मैं, कोई मुझको समझाए!
तनिक अधीर, हो रहा क्यूँ सागर?
पदचिन्ह हैं ये किसके....
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा।
पदचिन्ह हैं ये किसके....
ReplyDeleteक्या गाती विहाग, जाग रही है प्रभात?
या क्षितिज पे प्रेम का, छलक उठा अनुराग?
या प्रीत अनूठा, लिख रहा प्रभात...
अत्यंत मनोहारी चित्रण !
सादर आभार आदरणीया मीना जी। शुभप्रभात ।
Deleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (15-04-2019) को "भीम राव अम्बेदकर" (चर्चा अंक-3306) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
- अनीता सैनी
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया ।
Deleteये पदचिह्न हैं किसके? वाह वाह 👏. बेहद मनमोहक.
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद पटल पर वापसी हेतु स्वागतम और शुक्रिया । बहुत-बहुत धन्यवाद सुधा बहन।
Deleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 03 अगस्त 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीया दी
Delete'ये पद चिन्ह हैं किसके' आति सुन्दर रचना।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया
Deleteवाह!पुरुषोत्तम जी ,बहुत खूबसूरत भावों से भरी रचना ।
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया शुभा जी।
Deleteसुन्दर सृजन।
ReplyDeleteशुक्रिया आभार आदरणीय।
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