Friday 18 December 2015

फूल...थोड़ा तुम्हारा, थोड़ा हमारा


फूल...थोड़ा तुम्हारा, थोड़ा हमारा,
जीवन जीने की
अविस्मरणीय सीख दे जाते हैं,
भले ही जियें एक ही दिन,
पर कहा वे घबराते हैं,
फूल हँसते ही रहते हैं,
खिला सब उनको पाते हैं,
जीते है बस चन्द दिन,
पर बात बड़ी कह जाते हैं,

रंग कब बिगड़ सका उनका,
रंग लाते दिखलाते है,
मस्त हैं सदा बने रहते,
उन्हें मुसुकाते पाते हैं,
भले ही जियें एक ही दिन,
पर कहा वे घबराते हैं,
फूल हँसते ही रहते हैं,
खिला सब उनको पाते हैं ।

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