सिहरित उल्लास सशंकित विश्वास उस दुल्हन की!
वो पहली झलक मेरे दुल्हन की,
सिन्दूरित मुख लाल सौम्य दैदिप्य सी,
खुशबु वो कच्ची कच्ची हल्दी सी,
हाथों में दूर मेंहदी की लाली सी,
मंजर ऐसी जैसे आम मंजराई सी|
सिहरित उल्लास सशंकित विश्वास उस दुल्हन की!
अलबेली झलक उस दुल्हन की,
खुद को खुद में ही जैसे सिमटाई सी,
सुध बुध खोई सिमटी शरमाई सी,
आँचल के कोरों में वो लिपटी सी,
चाह मन की थोड़ी थोड़ी मंजराई सी|
सिहरित उल्लास सशंकित विश्वास उस दुल्हन की!
चेहरे पर उसके एक भाव डर की,
शंका दुविधा कैसी मन में गहराई सी,
उलझन के बादल मन पर छाई सी,
हृदय व्यथित, विचलित, घबराई सी,
आँखों में उसकी नव जीवन मंजराई सी|
सिहरित उल्लास सशंकित विश्वास उस दुल्हन की!
वो पहली झलक मेरे दुल्हन की,
सिन्दूरित मुख लाल सौम्य दैदिप्य सी,
खुशबु वो कच्ची कच्ची हल्दी सी,
हाथों में दूर मेंहदी की लाली सी,
मंजर ऐसी जैसे आम मंजराई सी|
सिहरित उल्लास सशंकित विश्वास उस दुल्हन की!
अलबेली झलक उस दुल्हन की,
खुद को खुद में ही जैसे सिमटाई सी,
सुध बुध खोई सिमटी शरमाई सी,
आँचल के कोरों में वो लिपटी सी,
चाह मन की थोड़ी थोड़ी मंजराई सी|
सिहरित उल्लास सशंकित विश्वास उस दुल्हन की!
चेहरे पर उसके एक भाव डर की,
शंका दुविधा कैसी मन में गहराई सी,
उलझन के बादल मन पर छाई सी,
हृदय व्यथित, विचलित, घबराई सी,
आँखों में उसकी नव जीवन मंजराई सी|
सिहरित उल्लास सशंकित विश्वास उस दुल्हन की!
No comments:
Post a Comment