रंग असंख्य जीवन की बगिया के,
चटक रहे कुछ ऐसे घुल मिल के,
अद्भुद छटा की सुंदर आभा से,
पुलकित कर जाते प्राण हृदय के।
चमकीले रंगों मे ही छिपा है जीवन,
कुछ लुभावने रंग तुम भी चुन लो,
सराबोर कर दो तुम इनमे खुद को
मनचाहे रंगो से तुम जग को रंग दो।
जब खुद को तुम पूरा खोल पाओगे,
इन रंगो सा तुम भी निखर जाओगे,
जीवन नाचती गाती इर्द-गिर्द पाओगे,
मतलब होली का तब समझ पाओगे।
विविध स्वरूप रंगों के खिल आते,
जब रंग अनेक अापस में मिल जाते,
सराबोर करने की लग जाती है होड़,
तू ले चल मुझे भी उन रंगों की ओर।
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