प्रिय, होली तुम संग खेलूंगा, रंगों और उमंगों से,
रंग जाऊंगा जीवन तेरा, खुशियों की रंगों से,
सूखेगी न चुनरी तेरी, सपनों की इन रंगों से,
चाहतें भर दूंगा जीवन मैं, अपने ही रंगों से।
प्रिय, होली तुम संग खेलूंगा, रंगों और उमंगों से।
जनमों तक ना छूटेगी, ऐसा रंग लगा जाऊंगा,
तार हृदय के रंग जाएंगे, दामन में भर जाऊंगा,
आँखें खुली रह जाएंगी, सपने ऐसे सजाऊंगा।
तेरे सपनों की रंगों से, जीवन की फाग खेलूंगा।
प्रिय, होली तुम संग खेलूंगा, रंगों और उमंगों से।
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