जानता हूँ तुमको जनमों से, तुम जानो या न जानो।
कई जन्मो पहले तुम मिले थे मुझको,
हम बिछड़े, फिर मिले हम, दुनिया से गुजरे,
युग बीते, जन्म बदले, शक्ल बदले,
लगती ये बात पर आजकल की ही मुझको।
जानता हूँ कई जनमों से तुम्हे, तुम मानो या न मानो।
डोर कैसी जो खीचती तेरी ओर मुझको,
बिछड़े जन्मों पहले, फिर मिले हो तुम मुझको
आँखों में ये भरम कैसी, जो शक्ल बदले?
जन्मों-जन्मो से मिलते रहे तुम युंही मुझको।
जनमों जनमों का ये बंधन, तुम मानो या न मानो।
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