Thursday, 25 February 2016

एक बार जो तुम कह देती

प्रिये, एक बार जो तुम कह देती, तो मैं रुक जाता!

प्रिये, तुम मेरी आस, तुम जन्मों की प्यास,
बुझाने जन्मों की प्यास, तेरी पनघट ही मैं आता,
राही तेरी राहों का मैं, और कहीं क्युँ जाता,
राह देखती तुम भी अगर, मैं भी तेरा हो जाता।

प्रिये, एक बार जो तुम कह देती, तो मैं रुक जाता!

तुमसे ही चलती ये सांसे, तुम पर ही विश्वास,
सासें जीवन की लेने, तेरी बगिया ही मैं आता,
टूटे हृदय का यह मृदंग, तेरे लिए बजाता,
गीत मेरे तुम भी सुन लेती, तो मैं तेरा हो जाता।

प्रिये, एक बार जो तुम कह देती, तो मैं रुक जाता!

कह देती तुम गर, बात कभी अपने मन की,
उम्मीद लिए यही मन में, मैं तेरी राह खड़ा था,
यूं दामन उम्मीद का, कहाँ कभी छोड़ा था,
यूँ ही चल पड़ा था मैं, तुमने भी कब रोका था।

प्रिये, एक बार जो तुम कह देती, तो मैं रुक जाता!

10 comments:

  1. आपकी लिखी रचना सोमवार. 14 फरवरी 2022 को
    पांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    संगीता स्वरूप

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    1. एक पुरानी रचना को पुनः जीवित करने हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीया संगीता जी।।।।

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  2. कह देती तुम गर, बात कभी अपने मन की,
    उम्मीद लिए यही मन में, मैं तेरी राह खड़ा था,
    यूं दामन उम्मीद का, कहाँ कभी छोड़ा था,
    यूँ ही चल पड़ा था मैं, तुमने भी कब रोका था।

    प्रिये, एक बार जो तुम कह देती, तो मैं रुक जाता!
    बहुत ही भावपूर्ण लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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    1. एक पुरानी रचना को पुनः जीवित करने हेतु आदरणीया संगीता जी का शुक्रिया और आपका अभिवादन।।।

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  3. बेहद भावपूर्ण सृजन।
    सादर।

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    1. एक पुरानी रचना को पुनः जीवित करने हेतु आदरणीया संगीता जी का शुक्रिया और आपका अभिवादन।।।

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  4. बहुत ही मार्मिक उपालन्भ आदरणीय पुरुषोत्तम जी। अधूरे प्यार एक टीस और कसक सदैव रह जाती है। रचना प्रेरित कुछ पंक्तियां 🙏

    एक बार जो तुम प्यार से कहते
    ये कदम वहीँ थम जाते !
    चिर अभिलाषी नयन कुछ पल
    प्रेम-सुधा पी पाते !
    सोते -जगते ह्रदय में धड़के
    बस एक नाम तुम्हारा
    भूल-भाल कर जग की माया
    प्रेम ही प्रेम पुकारा
    पता नहीं कब लगी लगन
    जुड़े जन्मों के नाते !
    राह निहारी बरसों हमने
    तुम लौट कभी ना आये ,
    लिखे गीत कुछ नाम तुम्हारे
    पर तुम ना कभी सुन पाए
    भाए ना प्रीत राग तुम बिन
    रंग दुनिया के न अब सुहाते!
    एक बार जो तुम प्यार से कहते
    ये कदम वहीँ थम जाते /////

    हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏🙏

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    1. नमन आपको, नमन आपकी लेखनी को। आप सदैव ही उत्कृष्ट हैं।।।।।।
      बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया।।।।

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  5. आप की रचना तो लाजवाब है ही, उस पर सखी रेणु की प्रतिक्रिया ने सोने पे सुहागा कर दिया, बहुत ही सुन्दर सृजन आदरणीय,सादर नमस्कार आपको 🙏

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    1. आप जैसी गुणी व्यक्तित्वों से प्रशंसा पाकर गर्वान्वित महसूस करता हूं।
      बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीया।।।।

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