Monday, 8 February 2016

तन्हाई की आवाज

सुन लो आवाज तन्हाईयों की,
बज रही दिल में जो शहनाईयों सी,
नग्मा ए गम से सिहर उठी हैं वादियाँ भी,
उन सदाओं मे गुम हुई मेरी आवाज कहीं।

तन्हा तन्हा सफर जिन्दगानी की,
मौजे तन्हाई में डूबी है ये कहानी भी,
पतझड़ की बयार से बिखरे हैं पत्ते सभी,
आँसुओं मे डूब गई हैं शाख ए गुल भी कहीं।

No comments:

Post a Comment