रह रह कर सुनाई देती कैसी सिसकी,
कौन सिसक रहा आधी रात को वहाँ?
किस वेदना की है करुण पुकार यह,
रह रह कर उठती यह चित्कार कैसी,
छनन छन टूटने की आवाज है कैसी?
क्रंदन किसी बाला की है यह शायद,
दुखता है मन उस बाला की वेदना से,
क्या आसमान टूटा है उस बाला पे?
अनमनी चल रही हैं क्यूँ साँसें उसकी,
अन्तस्थ छलनी कर गई यह सिसकी,
हृदय-विदारक प्रतिध्वनि गूंजती क्युँ?
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