Friday 1 January 2016

तलाशती हैं आँखें...फिर!

तलाशती हैं आँखें...फिर !

प्यार के वही लम्हे,
फुर्सत के वही क्षण,
सुंदरता का वही मंजर,
बेचैन साँसों का थमके आना।

तलाशती हैं आँखें...फिर !

समय का रुक जाना,
यादों मे बस खो जाना,
बाहों में तेरी सो जाना,
लम्हातों का फिर थम जाना।

तलाशती हैं आँखें...फिर !

उनका छम से आना,
आँखों मे ख्वाब जगाना,
हसरतों को रंगीन बनाना,
दिल पर बादलों सा छा जाना।

तलाशती हैं आँखें...फिर !

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