विशेष थी तुम, ओ दीदी....
अब, शेष हैं, बस बीती बातें, और तेरी यादें!
यूँ तो, विधाता नें, सब कुछ दिया,
पर, पल भर को ही!
सुख तेरा, हँसता मुख तेरा,
उनसे देखा ना गया,
ले चला, वो असमय छीन कर,
तुझसे पहले, तेरी खुशी,
अवशेष थी,
बस शेष थी, तुम ओ दीदी....
भले ही, उस पार तुम्हें मिल जाए,
खोया सा, तेरा संसार,
करती भी क्या तुम, झूठ था सब,
नेह का ये व्योपार,
फिर से देता हूँ तुझको विदाई,
अब न गम, छूए तुझे,
जो शेष हैं,
तू हँसती रहे, ओ मेरी दीदी.....
विशेष थी तुम, ओ दीदी....
अब, शेष हैं, बस बीती बातें, और तेरी यादें!
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
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मेरी बड़ी बहन, स्व. नीलू दीदी (सरिता शरण) को समर्पित ..... निधन तिथि 06.03.2021