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Friday, 27 November 2020

जन्मदिन- एक शुभकामना

स्निग्ध छटा सी, स्वप्निल!
मने निरंतर, जन्म-दिवस यह, 
स्वप्न सरीखी स्नेहिल!

अतुल्य स्नेह मिले,
भार्या, भाई-बन्धु, स्वजन, पुत्रजनों से,
कोटि-कोटि आशीष मिले, 
मात-पिता, गुरुजन, श्रेष्ठजनों से,
गाएं सब हिलमिल!

स्निग्ध छटा सी, स्वप्निल!
मने निरंतर, जन्म-दिवस यह, 
स्वप्न सरीखी स्नेहिल!

नवीन विहान हो,
कल्पतरू सा, जीवन के ये पल खिले,
जगमग हो, धूमिल सी संध्या,
विघ्न-विहीन, समुनन्त राह मिले,
रातें हों झिलमिल!

स्निग्ध छटा सी, स्वप्निल!
मने निरंतर, जन्म-दिवस यह, 
स्वप्न सरीखी स्नेहिल!

उम्र चढ़े, आयुष बढ़े,
खुशी की, इक छाँव, घनेरी हो हासिल,
मान बढ़े, नित् सम्मान बढ़े,
धन-धान्य बढ़े, आप शतायु बनें,
आए ना मुश्किल!

स्निग्ध छटा सी, स्वप्निल!
मने निरंतर, जन्म-दिवस यह, 
स्वप्न सरीखी स्नेहिल!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)
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HAPPY BIRTHDAY

Sunday, 14 October 2018

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समस्त सम्माननीय पाठकों का हार्दिक धन्यवाद
दिनांक: 14.10.2018

Saturday, 13 January 2018

मकर संक्रंति

नवभाव, नव-चेतन ले आई, ये संक्रांति की वेला........

तिल-तिल प्रखर हो रही अब किरण,
उत्तरायण हुआ सूर्य निखरने लगा है आंगन,
न होंगे विस्तृत अब निराशा के दामन,
मिटेंगे अंधेरे, तिल-तिल घटेंगे क्लेश के पल,
हर्ष, उल्लास,नवोन्मेष उपजेंगे हर मन।

धनात्मकता सृजन हो रहा उपवन में,
मनोहारी दृश्य उभर आए हैं उजार से वन में,
खिली है कली, निराशा की टूटी है डाली,
तिल-तिल आशा का क्षितिज ले रहा विस्तार,
फैली है उम्मीद की किरण हर मन में।

नवप्रकाश ले आई, ये संक्रांति की वेला,
अंधियारे से फिर क्युँ,डर रहा मेरा मन अकेला,
ऐ मन तू भी चल, मकर रेखा के उस पार,
अंधेरों से निकल, प्रकाश के कण मन में उतार,
मशाल हाथों में ले, कर दे  उजियाला।

Wednesday, 24 February 2016

जीवन कलश.....विशेष कामना


(साथियों, "जीवन कलश" के इस BLOG पर यह मेरी 300 वीं रचना है। इसे सफल बनाने और मुझे प्रोत्साहित करते रहे के लिए अनेकों धन्यवाद)

आपका आशीष मिला ............💦💕💕

आपका प्रेरणाशीष शिरोधार्य,
प्रशंसा पाता रहूँ करता रहूँ यह कार्य,
योग्य खुद को बनाऊँ, रहूँ आपको स्वीकार्य।

कृपा सरस्वती की बरसती रहे,
आपके घरों में भी सरस्वती हँसती रहें,
प्रगति के उच्च शिखरों मे आप नित चढ़ते रहे।

आपका जीवन समुज्जवल हो,
धन धान्य सुख से जीवन कलश पूर्ण हो,
सफलता की नई सीढ़ियाँ आपको मिलती रहे।

मैं युँ ही सांसों पर्यन्त लिखता रहूँ,
मेरी रचनाएँ जीवन की कलश बन निखरे,
मार्गदर्शन करें ये सबका, मेरा जीवन सफल करे।

Friday, 1 January 2016

नववर्ष पर छोटी सी कामना!

नववर्ष पर छोटी सी कामना!

नव-प्रभात मिले नव-ऊर्जा,
नव प्रेरणा जगे नव चेतना, 
नवधारणा उपजे नवकामना,
नवदृष्टि खिले नित्य-नवपटल, 
नव-आकाश फैले नव-प्रकाश, 
नववर्ष,नवचाह, नव हो जीवन।

नव ल्क्ष्य मिले नवशिखर,
नव आशा मिले नवविहान,
नव तपस्या ले नव साधना,
नव धैर्य मिले नव प्रेरणा,
नव लगन मिले नव चेतना,
नववर्ष,नवचाह, हो नवजीवन।

नव प्रकाश, नव आकाश,
नव विश्वास नव उल्लास,
नव हिमम्त जगे नव आस,
नव विचार के नव निर्झर,
नव प्रणाम मिले नव आशीष।
नववर्ष,नवसंघर्ष,नव हो जीवन।

नववर्ष पर छोटी सी कामना!

Wednesday, 30 December 2015

नववर्ष 2016 की शुभकामनाएँ

नववर्ष ले आया नवविहन,
       जागे हैं फिर नए अरमान,
              उपजी है फिर नई आशाएँ,
                    तू इन आशाओं के संग तो हो ले।

वर्ष नया है प्रारंभ नई है,
       दिवस नया है प्रहर नई है,
                हर चिन्ताओं को तज पीछे,
                       तू इक नई उड़ान तो भर ले।

निराशा के घनघोर अंधेरे,
         अब रह गए हैं पीछे तेरे,
                सामने खड़ा एक नया लक्ष्य है,
                        तू इन लक्ष्यों के संग तो हो ले।

             (हमारे समस्त पाठको को नववर्ष 2016 की 
                       असीम प्रेरक शुभकामनाएँ)