Saturday, 7 September 2019

ठहरे क्षणों में

मिल जाऊँगा मैं, सफर के उसी मोड़ पर,
जिन्दगी के, उस दूसरे से छोड़ पर,
देखना तुम मुझे, बस राह थोड़ी मोड़ कर!

व्यस्त से क्षणों में, तमाम उलझनों में,
मुझको, भूल तो जाओगे तुम,
और कहीं, विलीन हो जाएंगे हम,
यादों के, इन मिटते घनों में,
उभर आएं, कभी गर टीस बनकर हम,
उकेरना फिर, तुम उन बादलों को,
मुड़ कर, पुकार लेना,
तार संवेदनाओं के, जरा सा जोड़ कर!

मिल जाऊँगा मैं, सफर के उसी मोड़ पर,
जिन्दगी के, उस दूसरे से छोड़ पर,
देखना तुम मुझे, बस राह थोड़ी मोड़ कर!

भूले-बिसरे क्षणों में, झांकता है कौन?
फुर्सत किसे है, ताकता है कौन?
सोच पर गिर जाते हैं, भरम के पर्दे!
पर मांगता हूँ, मैं वो ही यादें,
ठहर जाएँ, कहीं गर संवाद बन के हम,
कुरेदना फिर, तुम उन्हीं क्षणों को,
ठहर कर, पुकार लेना,
तार संवेदनाओं के, जरा सा जोड़ कर!

मिल जाऊँगा मैं, सफर के उसी मोड़ पर,
जिन्दगी के, उस दूसरे से छोड़ पर,
देखना तुम मुझे, बस राह थोड़ी मोड़ कर!

ठहरे क्षणों में, मैं रुका हूँ उन्ही वनों में,
गुम हैं जहाँ, जीवंत से कहकहे,
पर संग है मेरे, लम्हे कई बिखरे हुए,
लट घटाओं के, सँवरे हुए,
बरस जाएँ, कभी ये घटाएँ बूँदें बनकर,
घेर ले कभी, तुम्हें सदाएं बनकर,
भीग कर, पुकार लेना,
तार संवेदनाओं के, जरा सा जोड़ कर!

मिल जाऊँगा मैं, सफर के उसी मोड़ पर,
जिन्दगी के, उस दूसरे से छोड़ पर,
देखना तुम मुझे, बस राह थोड़ी मोड़ कर!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा

12 comments:


  1. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (08-09-2019) को " महत्व प्रयास का भी है" (चर्चा अंक- 3452) पर भी होगी।

    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    ….
    अनीता सैनी

    ReplyDelete

  2. जय मां हाटेशवरी.......
    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    08/09/2019 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में......
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  3. Replies
    1. प्रेरक शब्दों हेतु धन्यवाद आदरणीया ।

      Delete
  4. bahut sundar kavita
    mere blog par bhi aaiye
    iwillrocknow.com

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thanks dear Nitish ji. Certainly I will be visiting your blog....Keep on writing....Regards

      Delete
  5. व्यस्त से क्षणों में, तमाम उलझनों में,
    मुझको, भूल तो जाओगे तुम,
    और कहीं, विलीन हो जाएंगे हम,
    यादों के, इन मिटते घनों में,
    वाह!!!
    लाजवाब....

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुभकामनाओं व प्रेरक शब्दों हेतु धन्यवाद आदरणीया सुधा देवरानी जी।

      Delete
  6. Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद नीरज जी। स्वागत है आपका इस पटल पर ।

      Delete