Tuesday 14 November 2023

मध्य कहीं


मध्य कहीं, हर बातों में ......

ये किसके चर्चे, कर उठता है मन,
ले कर इक, अल्हरपन!
महसूस कराता, बिन मौसम इक सावन,
मध्य कहीं....
ठहराव लिए, जज्बातों में!
 
अब तो, बह आती इक खुश्बू सी,
छा उठता, इक जादू सा,
नज़रें टिक जाती, उस विस्तृत नभ पर,
मध्य कहीं....
इक इंतजार लिए, रातों में!

खोए वो पल, सपनों सी रातों में,
आए ही कब, हाथों में,
अल्हरपन में, बस उन्हीं पलों के चर्चे,
मध्य कहीं....
करता ये मन, हर बातों में!

शायद, ढूंढे, मन अपना मनचाहा,
अंजाना सा, इक साया,
डूबते-उपलाते, निरर्थक बहते पल के,
मध्य कहीं....
अर्थ कोई, बहकी रातों में!

मध्य कहीं, हर बातों में ......

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)

1 comment:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 16 नवंबर 2023 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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