Monday, 27 April 2020

हर बार - (1200वाँ पोस्ट)

बाकी, रह जाती हैं, कितनी ही वजहें,
कितने ही सफहे,
कुछ, लिखने को हर बार!

कभी, चुन कर, मन के भावों को,
कभी, सह कर, दर्द से टीसते घावों को,
कभी, गिन कर, पाँवों के छालों को,
या पोंछ कर, रिश्तों के जालों को,
या सुन कर, अनुभव, खट्ठे-मीठे, 
कुछ, लिखता हूँ हर बार!

फिर, सोचता हूँ, हर बार,
शायद, फिर से ना दोहराए जाएंगे, 
वो दर्द भरे अफसाने,
शायद, अब हट जाएंगे, 
रिश्तों से वो जाले,
फिर न आएंगे, पाँवों में वो छाले,
उभरेगी, इक सोंच नई,
लेकिन! हर बार,
फिर से, उग आते हैं,
वो ही काँटें,
वो ही, कटैले वन,
मन के चुभन,
वो ही, नागफनी, हर बार!
अधूरी, रह जाती हैं,
लिखने को,
कितनी ही बातें, हर बार!

फिर, चुन कर, राहों के काँटों को,
फिर, पोंछ कर, पाँवों से रिसते घावों को,
फिर, बुन कर, सपनों के जालों को,
देख कर, रातों के, उजालों को,
या, तोड़ कर, सारे ही मिथक,
कुछ, लिखता हूँ हर बार!

फिर भी, रह जाती हैं कितनी वजहें,
कितने ही सफहे,
कुछ, लिखने को हर बार!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)

27 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 27 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!1200 वीं प्रस्तुति की शुभकामनाएँ कबूल फरमाएँ

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  2. लिखना जरूरी है जी।
    लॉकडाउन में कलम डाउन नहीं होना चाहिए।

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    1. आपके आशीर्वचनों हेतु आभारी हूँ आदरणीय

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  3. 1200 वी रचना के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं, पुरुषोत्तम भाई। आपकी लेखनी इसी तरह निरंतर रहे...

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    1. आदरणीया ज्योति जी, आपने मुझे भाई कहकर संबोधित किया, मन हर्षित हो गया। आपकी शुभकामनाओं हेतु आभारी हूँ ।

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  4. जिंदगी इसी का नाम है ... सुधार फिर और सुधार ... पूरा परफेक्ट कहाँ हो पता है इंसान ...

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    1. शुक्रिया आदरणीय नसवा जी। आपकी प्रतिक्रिया हेतु आभारी हूँ ।

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  5. आपको 1200 पोस्ट पूरी करने की हार्दिक शुभकामनाएं ,परमात्मा आपका सफर यूँ ही जारी रखे ,सादर नमन

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    1. आपकी शुभकामनाओं हेतु हार्दिक आभार आदरणीया कामिनी जी। इस सफर में आपके सहयोग हेतु आपका अभिनन्दन ।

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  6. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (28 -4 -2020 ) को " साधना भी होगी पूरी "(चर्चा अंक-3684) पर भी होगी,

    आप भी सादर आमंत्रित हैं।

    ---

    कामिनी सिन्हा

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  7. 1200 पोस्ट पूर्ण करने के लिए हार्दिक बधाई ।यात्रा अनवरत चलती रहे .. ..अनंत शुभकामनाएँ ।
    सादर।

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    1. आपकी शुभकामनाओं हेतु हार्दिक आभार आदरणीया पल्लवी जी। आपके निरंतर सहयोग हेतु आपका अभिनन्दन ।

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  8. 1200वीं रचना/पोस्ट के लिए शुभकामनाएं आपको ... सारे घाव उसी दिन भर पाते हैं शायद, जिस दिन आखिरी प्रेमिका गले लगाती है ...

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    1. आपकी शुभकामनाओं हेतु हार्दिक आभार आदरणीया सुबोध जी। इस सफर में आपके सहयोग हेतु आपका अभिनन्दन ।

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  9. जितना चिन्तन उतना ही लेखन...
    1200वीं पोस्ट की बधाई आपको ....आप पर और आपकी लेखनी पर माँ शारदे की कृपा बनी रहे....अनंत शुभकामनाएं।

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    1. आपकी शुभकामनाओं हेतु हार्दिक आभार आदरणीया सुधा देवरानी जी। निरंतर इस सफर में आपके सहयोग हेतु आपका अभिनन्दन ।

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  10. कभी, चुन कर, मन के भावों को,
    कभी, सह कर, दर्द से टीसते घावों को,
    कभी, गिन कर, पाँवों के छालों को,
    या पोंछ कर, रिश्तों के जालों को,
    या सुन कर, अनुभव, खट्ठे-मीठे,
    कुछ, लिखता हूँ हर बार!.... अंतस को स्पर्श करता हृदय स्पर्शी सृजन आदरणीय सर... 1200वी पोस्ट हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ सर

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    1. आपकी शुभकामनाओं हेतु हार्दिक आभार आदरणीया अनीता जी। निरंतर इस सफर में आपके सहयोग हेतु आपका अभिनन्दन ।

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  11. आपकी कविता बहुत ही ,आदरणीय है।

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  12. बहुत सुंदर रचना,1200 वी पोस्ट के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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    1. शुभकामनाओं हेतु आभारी हूँ आदरणीया अनुराधा जी। विनम्र नमन।

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  13. बहुत सुंदर सृजन 👌
    1200 वे पोस्ट को पूरा करने पर आपको हार्दिक बधाई ढेरों शुभकामनाएँ आदरणीय सर। सादर प्रणाम 🙏

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  14. सुंदर सृजन
    1200 वीं पोस्ट के लिए आपको सादर अभिनंदन भाई...
    याद है मुझे आपकी 800वीं पोस्ट जब आप के साथ दुर्घटना घटी थी। उन्हीं दिनों हमें आपका अंतर्जालीय सानिध्य प्राप्त हुआ था।दिन कितने जल्दी बीत जाते हैं पता ही नहीं चलता । आपके लिए बहुत खुश हैं आपकी लेखनी लगातार इसी क्रम में अग्रसर होती रहे और एक नया आयाम स्थापित करे बस यही कामना है।ढ़ेरों शुभकामनाएं pk भाई।

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    1. सुधा बहन, इन कुछ शब्दों में आत्मीयता के अनगिनत हर्फ छुपे हैं । कौन कहता है कि संबंध सिर्फ़ खून या मिलने से ही बनते हैं ।
      मुझे गर्व है तुम पर। सदा सुखी रहो।
      तुम्हारी शुभकामनाएँ मेरे साथ हमेशा से है।

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