Wednesday 13 March 2024

यूं हँसो तुम

यूं हँसो तुम, और बंद हो जाएं पलकें,
कहीं तुम रहो, हम आएं चलके!

हो मद्धम सी चांदनी, और मुस्कुराओ तुम,
दूं मैं सदा, और, आ जाओ तुम,
और, बीते ये पल, ये समय, तेरे संग,
हल्के हल्के!

यूं हँसो तुम, और बंद हो जाएं पलकें...

कहीं हो ना जाए जुदा, वक्त से, ये परछाईं,
कहीं कर न दे, वक्त ये रुसवाई,
चलो, संग हम चले, कहीं वक्त से परे,
बहके-बहके!

यूं हँसो तुम, और बंद हो जाएं पलकें...

इस मझधार में, बह चले इक धार सा हम,
इस कश्ती में, पतवार सा हम,
दो किनारों से अलग, बह जाए कहीं,
छलके छलके!

यूं हँसो तुम, और बंद हो जाएं पलकें,
कहीं तुम रहो, हम आएं चलके!

4 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 14 मार्च 2024 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  2. बेहतरीन पंक्तियाँ

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