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Sunday, 14 October 2018

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समस्त सम्माननीय पाठकों का हार्दिक धन्यवाद
दिनांक: 14.10.2018

Saturday, 26 August 2017

आभार

" कविता जीवन कलश"
https://purushottamjeevankalash.blogspot.com
I am Surprised and Equally glad to see a huge TRAFFIC on my BLOG " कविता जीवन कलश". More than 950 (Exact 963) people viewed it on a single day on 25.08.2017. My heartiest Gratitude to All My Coveted Readers and Encouraging me with their Blessful Remarks on my BLOG   " कविता जीवन कलश" @ https://purushottamjeevankalash.blogspot.com
Thanks to My Worldwide Readers......

Sunday, 7 February 2016

स्मृति आभार

यादों की धुँधली रेखायें मन में,
चमकती बिजली सी काले घन में,
उर मानस आह्लादित कम्पन में,
जीवन डूब रहा धीमी स्पन्दन में।

संगीत लहरी सी शिशिर-निशा में,
स्मृति लय जीवन की हर दिशा में,
प्रात जीवन की चाहे फिर संध्या में,
अन्तहीन मधुस्मृति लय जीवन में।

मन अधीर विस्मृति के प्रांगण मे,
प्राण पुलकित क्षणों के स्पंदन में,
जीवन सौन्दर्य प्रतिपल हर क्षण में,
उन स्मृतियों का आभार जीवन में!

Wednesday, 13 January 2016

और नहीं कुछ तुमसे चाह!

कुछ हल्का कर दो जीवन की व्यथा-भार,
तुम दे दो सुख के क्षण जीवन आभार,
प्रिय, बस और नही कुछ तुमसे चाह!

व्यथा-भार जीवन की संभलती नही अकेले,
दुःख के क्षण जीवन के चिरन्तन से खेले,
तुम दे दो साथ, और नही कुछ तुमसे चाह!

अर्थ जीवन का अकेले समझ नही कुछ आता,
राह जीवन की लम्बी व्यर्थ मुझे है लगता,
तुम हाथ थाम लो, और नही कुछ तुमसे चाह!