हाथ रख, गीता या कुरान पर,
कर, शपथ,
बस, सत्य के नाम पर,
हो, एक पथ,
तू बाँच दे, क्या है सत्य!
अमिट है, मन के ही करीब है,
इक, अमूर्त्य,
पर, बोध है, यथार्थ का,
वो, एक पथ,
अविजेय है, वो है सत्य!
सत्य से विमुख, कैसे हम रहें?
एक, तथ्य,
असत्य, कैसे हम कहें?
है, वो सामने,
हृदय में है, वो है सत्य!
संस्कार है, सर्वदा निरंकार है!
टोकता है ये,
अधर्म से, रोकता है ये,
वो, निराकार,
अंतः छुपा, वो है सत्य!
गीता या कुरान, फिर से पढ़,
न असत्य गढ़,
रह, सत्य के राह पर,
वो, एक आँच,
तू बाँच दे, क्या है सत्य!
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
कर, शपथ,
बस, सत्य के नाम पर,
हो, एक पथ,
तू बाँच दे, क्या है सत्य!
अमिट है, मन के ही करीब है,
इक, अमूर्त्य,
पर, बोध है, यथार्थ का,
वो, एक पथ,
अविजेय है, वो है सत्य!
सत्य से विमुख, कैसे हम रहें?
एक, तथ्य,
असत्य, कैसे हम कहें?
है, वो सामने,
हृदय में है, वो है सत्य!
संस्कार है, सर्वदा निरंकार है!
टोकता है ये,
अधर्म से, रोकता है ये,
वो, निराकार,
अंतः छुपा, वो है सत्य!
गीता या कुरान, फिर से पढ़,
न असत्य गढ़,
रह, सत्य के राह पर,
वो, एक आँच,
तू बाँच दे, क्या है सत्य!
(सर्वाधिकार सुरक्षित)