रैन ढ़ले, सब ढ़ल जाए,
शब की, हल्की सी परछाईं,
नैन तले, रह जाए!
तमस भरा, आंचल,
रचता जाए, नैनों में काजल,
उभरता, तम सा बादल,
बाहें खोल, बुलाए!
शब की, हल्की सी परछाईं,
नैन तले, रह जाए!
इक, अँधियारा पथ,
और, ये सरपट दौड़ता रथ,
अन-हद अनबुझ कथ
यूं , कहता जाए!
शब की, हल्की सी परछाईं,
नैन तले, रह जाए!
जलते बुझते सपने,
ये हल्के, टिमटिम से गहने,
बोझिल सी पलकों पर,
कुछ लिख जाए!
शब की, हल्की सी परछाईं,
नैन तले, रह जाए!
जीवन्त, सार यही,
शब सा, इक संसार यही,
सौगातें, सपन सरीखी,
नैनों को दे जाए!
शब की, हल्की सी परछाईं,
नैन तले, रह जाए!
(सर्वाधिकार सुरक्षित)