Showing posts with label बहकना. Show all posts
Showing posts with label बहकना. Show all posts

Thursday, 22 March 2018

चुप्पी! बोलती खामोशी...

यूं ही मन को न था, इन बातों में बहक जाना....

चुप्पी तोड़ती हुई इक खामोशी,
बंद लफ्जों की वो सरगोशी,
वो नजरों की भाषा में चिल्लाना,
दूर रहकर भी पास आ जाना,
खामोशी का वो इक चुप सा तराना...

यूं ही मन को न था, इन बातों में बहक जाना....

चुप-चुप सा था, वो इक पर्वत,
बड़ी गहरी थी वो खामोशी,
वो खामोशियों में कुछ बुदबुदाना,
यूं चुपचाप ही कहते जाना,
उस ओर कदमों का यूं मचल जाना....

यूं ही मन को न था, इन बातों में बहक जाना....

बादलों की, वो बोलती खामोशी,
बरस गई जब वो जरा सी,
बूंदों का यूं फिर जमी पर बिखरना,
यूं ही तब चेहरों का भिगोना,
चुपचाप लय में बरसात की हो लेना....

यूं ही मन को न था, इन बातों में बहक जाना....

चुप कहां थी, ये बहती हवा भी,
चली वो भी आँचल उड़ाती,
गेसूओं का फिर हवाओं में लहराना,
सिहरन बदन में भर जाना,
बहती हवा संग, झूलों सा झूल जाना....

यूं ही मन को न था, इन बातों में बहक जाना....

बोलती बहुत है, ये खामोशियाँ,
चुप्पी तोड़ती है इनकी जुबां,
यूं ही तन्हाईयों का कहीं गुनगुनाना,
खामोश सा वो ही तराना,
तन्हा वादियों में, खूद को भूल जाना....

यूं ही मन को न था, इन बातों में बहक जाना....
https://www.indiblogger.in/post/ca-pa-pa-b-lta-kha-ma-sha" title="Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers">
<img
https://cdn.indiblogger.in/badges/235x96_top-indivine-post.png" width="235" height="96" border="0" alt="Top post on IndiBlogger, the biggest community of Indian Bloggers"/